पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता शरद यादव का निधन हो गया है. गुरूवार की रात दिल्ली के एक निजी अस्पताल में शरद यादव का निधन हो गया है. उनकी बेटी ने शरद यादव के निधन की जानकारी दी है. शरद यादव की तबीयत पिछले काफी दिनों से खराब चल रही थी. आज देर शाम तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया. शरद यादव के निधन के बाद देश के सियासी गलियारे में शोक की लहर फैल गयी है.
JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. शरद यादव गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे और लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था. शरद यादव 2003 में जनता दल बनने के बाद से लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. वह सात बार लोकसभा सांसद रहे. पिछले कुछ वक्त से वह सक्रिय राजनीति में नजर नहीं आ रहे थे. शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार लोक सभा का प्रतिनिधित्व किया. दो बार वह मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए. एक बार उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा पहुंचे. शरद यादव शायद भारत के पहले ऐसे राजनेता थे जो तीन राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार से लोकसभा के लिए चुने गए थे. शरद यादव भारतीय राजनीति के पुरोधा माने जाते हैं. वह इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे.
लंबा राजनीतिक सफर
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में किसान परिवार में हुआ था। किसान के घर जन्मे शरद पढ़ने लिखने में काफी तेज थे। उन्होंने मध्य प्रदेश के जबलपुर के ही इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और बीई की डिग्री ली। छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने वाले शरद यादव ने बिहार की राजनीति में भी बड़ा मुकाम हासिल किया था। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया था। शरद यादव अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय मंत्री थे।
नीतीश कुमार से विवाद के बाद छोड़ी पार्टी
शरद यादव की गिनती देश के समाजवादी नेताओं के तौर पर होती थी। नीतीश कुमार से हुए विवाद के बाद उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया था। वो बिहार की मधेपुरा सीट से कई बार सांसद रह चुके थे। शरद यादव के निधन पर कई राजनेताओं ने शोक प्रकट किया है।