मुजफ्फरपुर : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 97 वी जयंती मनाई गई

  • जनसंघ काल से भाजपा के लंबे राजनीतिक सफर में अटल जी ने देश की जनता की निस्वार्थ भाव से सेवा की- भुमि सुधार मंत्री राम सूरत

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मुजफ्फरपुर। जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाई भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 97 वी जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद एवं बिहार सरकार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री राम सूरत राय ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सबसे पहले अटल जी के तेलियचित्र पर माला, पुष्पांजलि अर्पित एवं वंदे मातरम गीत गाकर की गई।

राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अटल जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। वाजपेयी जी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राजनीति में तब आए जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया।

वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए जो कि अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से बिना डरे वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण किया। इसकी अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को भनक तक नहीं लग पाई।भूमि सुधार के मंत्री राम सूरत राय ने कहां कि अटल जी नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी रहे। अटल ही पहले विदेशमंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था। उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया। आजीवन अविवाहित रहे अटलजी को अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सांसद अजय निषाद जी, मंत्री जिवेश मिश्रा, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री बेबी कुमारी, पूर्व विधायक केदार प्रा गुप्ता आदिशामिल थे ।

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